भारत का संविधान कब लागू हुआ? जानिए पूरी जानकारी हिंदी में
भारत का संविधान कब लागू हुआ? – पूरी जानकारी हिंदी में
प्रस्तावना
भारत का संविधान हमारे देश का सर्वोच्च कानून है, जो भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है। यह संविधान न केवल हमारे अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है, बल्कि शासन व्यवस्था की नींव भी रखता है। लेकिन अक्सर यह सवाल पूछा जाता है – "भारत का संविधान कब लागू हुआ?" चलिए इस सवाल का विस्तृत उत्तर समझते हैं।
भारत का संविधान कब लागू हुआ?
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। इस दिन को हम हर वर्ष गणतंत्र दिवस (Republic Day) के रूप में मनाते हैं। इस दिन भारत एक पूर्ण गणराज्य बना और अंग्रेज़ों द्वारा दिए गए कानूनों की जगह हमारे स्वयं के संविधान ने ले ली।
संविधान बनाने की प्रक्रिया
भारत का संविधान रातों-रात नहीं बना। इसके निर्माण में करीब 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे। संविधान निर्माण की प्रक्रिया इस प्रकार शुरू हुई:
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9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक हुई।
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डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान का प्रारूप तैयार करने वाली समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
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26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने संविधान को अपनाया।
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लेकिन इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
👉 तो सवाल का उत्तर है:
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ।
26 जनवरी को ही क्यों चुना गया?
यह तारीख विशेष रूप से इसलिए चुनी गई क्योंकि 26 जनवरी 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने "पूर्ण स्वराज" (Complete Independence) की घोषणा की थी। उस ऐतिहासिक महत्व को सम्मान देते हुए, संविधान लागू करने के लिए इसी दिन को चुना गया।
संविधान लागू होने के बाद क्या-क्या बदला?
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भारत एक गणराज्य बन गया: अब हमारे देश का कोई भी नागरिक देश का राष्ट्रपति बन सकता है।
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ब्रिटिश कानून हटे: अंग्रेजों के बनाए कानून हटाकर अपना संविधान लागू हुआ।
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संवैधानिक पद शुरू हुए: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद, न्यायपालिका आदि की भूमिका तय हुई।
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नागरिक अधिकार तय हुए: जैसे – समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शिक्षा का अधिकार आदि।
भारत का संविधान कितना बड़ा है?
भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। इसमें:
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25 भाग (Parts)
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12 अनुसूचियाँ (Schedules)
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400+ अनुच्छेद (Articles) शामिल हैं।
संविधान के प्रमुख निर्माता कौन थे?
भारत के संविधान निर्माण में कई महान नेताओं और विद्वानों का योगदान रहा, जिनमें प्रमुख हैं:
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डॉ. भीमराव अंबेडकर (डॉ. बी. आर. अंबेडकर) – प्रारूप समिति के अध्यक्ष
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डॉ. राजेन्द्र प्रसाद – संविधान सभा के अध्यक्ष
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पं. जवाहरलाल नेहरू – उद्देशिका (Preamble) की प्रस्तावना प्रस्तुत करने वाले
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सच्चिदानंद सिन्हा, के. एम. मुंशी, अलादि कृष्णस्वामी अय्यर, आदि सदस्य भी महत्वपूर्ण रहे।
संविधान की उद्देशिका (Preamble)
संविधान की शुरुआत "उद्देशिका" से होती है, जो हमारे संविधान की आत्मा मानी जाती है:
“हम भारत के लोग...” से शुरू होने वाली यह उद्देशिका भारत को संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है और सभी नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुता का आश्वासन देती है।
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
प्रश्न | उत्तर |
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संविधान सभा की पहली बैठक कब हुई? | 9 दिसंबर 1946 |
संविधान को कब अपनाया गया? | 26 नवंबर 1949 |
संविधान कब लागू हुआ? | 26 जनवरी 1950 |
संविधान सभा के अध्यक्ष कौन थे? | डॉ. राजेन्द्र प्रसाद |
संविधान के प्रमुख निर्माता कौन थे? | डॉ. भीमराव अंबेडकर |
निष्कर्ष
भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ, जिसने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य में परिवर्तित कर दिया। यह सिर्फ एक कानूनी दस्तावेज नहीं, बल्कि हमारे देश की आत्मा है, जो प्रत्येक नागरिक को अधिकार और कर्तव्य दोनों देता है। आज भी हमारा संविधान हमारी एकता, अखंडता और विविधता में एकता का प्रतीक है।
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