नेहरू रिपोर्ट क्या थी? Nehru Report 1928
नेहरू रिपोर्ट – इतिहास, सिफारिशें और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन पर प्रभाव
अनुक्रमणिका
📌 प्रस्तावना
नेहरू रिपोर्ट भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तैयार किया गया एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, जो भारत के लिए एक स्वशासी संविधान का प्रारूप प्रस्तुत करता है। यह रिपोर्ट ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई चुनौती के उत्तर में तैयार की गई थी...
📝 नेहरू रिपोर्ट क्या थी?
नेहरू रिपोर्ट 1928 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट थी, जो भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस के तहत एक संविधान का प्रारूप पेश करती थी...
❓ नेहरू रिपोर्ट क्यों बनाई गई?
1927 में साइमन कमीशन के बहिष्कार के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारतीय नेताओं से एक संविधान का प्रारूप प्रस्तुत करने को कहा। यह कार्य कांग्रेस को सौंपा गया और जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में यह रिपोर्ट बनी...
🕰️ रिपोर्ट किसने और कब तैयार की?
यह रिपोर्ट मोतीलाल नेहरू की अध्यक्षता में बनी थी और समिति में तेज बहादुर सप्रू, सुभाष चंद्र बोस, अली इमाम, एमएस अने, श्रीनिवास शास्त्री, और जवाहरलाल नेहरू शामिल थे। इसे अगस्त 1928 में प्रस्तुत किया गया...
✅ मुख्य सिफारिशें
- भारत को डोमिनियन स्टेटस देना
- व्यक्तिगत स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों की गारंटी
- धर्मनिरपेक्षता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा
- एक केंद्रीकृत संघीय ढांचा
- समस्त नागरिकों को समान नागरिकता और समान कानून
📣 नेहरू रिपोर्ट पर प्रतिक्रियाएं
रिपोर्ट को हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने अलग-अलग दृष्टिकोण से देखा। मुस्लिम लीग ने जिन्ना के नेतृत्व में 14 सूत्रीय मांगें प्रस्तुत कीं, जो नेहरू रिपोर्ट के विरोध में थीं...
🌍 नेहरू रिपोर्ट का प्रभाव
हालांकि ब्रिटिश सरकार ने इस रिपोर्ट को स्वीकार नहीं किया, लेकिन इसने भारतीय राजनीति में संविधान निर्माण की नींव रखी और बाद में भारत के संविधान में कई सुझावों को अपनाया गया...
🗣️ प्रमुख व्यक्तियों के विचार
- मोतीलाल नेहरू: “यह भारत की आत्मा की आवाज़ है।”
- जवाहरलाल नेहरू: “यह रिपोर्ट आने वाले स्वतंत्र भारत की नींव है।”
- मोहम्मद अली जिन्ना: “यह रिपोर्ट मुस्लिमों के अधिकारों की उपेक्षा करती है।”
❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: नेहरू रिपोर्ट किस वर्ष बनाई गई थी?
A: यह रिपोर्ट 1928 में तैयार की गई थी।
Q2: क्या यह रिपोर्ट भारत को पूर्ण स्वतंत्रता देती थी?
A: नहीं, यह डोमिनियन स्टेटस की मांग करती थी, पूर्ण स्वतंत्रता की नहीं।
Q3: नेहरू रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता का प्रावधान था?
A: हाँ, इसमें धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक स्वतंत्रता को प्रमुखता दी गई थी।
🔚 निष्कर्ष
नेहरू रिपोर्ट भारतीय संविधान के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर थी। यह रिपोर्ट भारतीय नेताओं की राजनीतिक परिपक्वता और स्वराज की प्रतिबद्धता को दर्शाती है...
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