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भारत के सभी प्रधानमंत्री

भारत के सभी प्रधानमंत्री की सूची और उनके कार्यकाल की पूरी जानकारी भारत के प्रधानमंत्री (Prime Minister of India) देश की कार्यपालिका के प्रमुख होते हैं। 1947 में आज़ादी के बाद से अब तक देश में कई महान नेताओं ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है। इस लेख में हम सभी प्रधानमंत्रियों की सूची, उनके कार्यकाल, प्रमुख उपलब्धियाँ और रोचक जानकारियाँ साझा कर रहे हैं। 📑 विषय सूची (Table of Contents) भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची कुछ प्रमुख प्रधानमंत्रियों की विशेष जानकारी FAQs - अक्सर पूछे जाने वाले सवाल भारत के सभी प्रधानमंत्रियों की सूची (List of Prime Ministers of India) क्रम प्रधानमंत्री कार्यकाल पार्टी 1 पं. जवाहरलाल नेहरू 1947 - 1964 कांग्रेस 2 गुलजारीलाल नंदा (कार्यवाहक) 1964, 1966 कांग्रेस 3 लाल बहादुर शास्त्री 1964 - 1966 कांग्रेस 4 इंदिरा गांधी 1966 - 1977, 1980 - 1984 कांग्रेस 5 मोरारजी देसाई 1977 - 1979 जनता पार्टी 6 चरण सिंह 1979 - 1980 लोकदल 7 राजीव गांधी 1984 - 1989 कां...

संविधान की विशेषताएँ

भारतीय संविधान की विशेषताएँ भारतीय संविधान विश्व का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसमें अनेक देशों के सर्वोत्तम तत्वों को सम्मिलित किया गया है। इसका निर्माण स्वतंत्र भारत की विविधता, ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, और सामाजिक संरचना को ध्यान में रखते हुए किया गया। इस लेख में हम भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताओं पर विस्तार से चर्चा करेंगे। 📚 अनुक्रमणिका (Table of Contents) लिखित और विस्तृत संविधान संघात्मक संरचना संविधान की सर्वोच्चता मौलिक अधिकार धर्मनिरपेक्षता संविधान की लचीलापन और कठोरता संवैधानिक उपचार का अधिकार नीति निदेशक तत्व स्वतंत्र न्यायपालिका नागरिकों के मूल कर्तव्य 1. लिखित और विस्तृत संविधान भारत का संविधान विश्व का सबसे लंबा और विस्तृत लिखित संविधान है। इसमें 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियाँ, और 25 भाग शामिल हैं, जो सरकार के सभी अंगों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हैं। 2. संघात्मक संरचना (Federal Structure) भारत एक संघात्मक राज्य है, जहाँ शक्तियाँ केंद्र और राज्यों के बीच विभाजित हैं। लेकिन यह एक अर्ध-संघात्मक प्रणाली है, क्योंकि के...

भारत के सभी राष्ट्रपति | List of All Presidents of India

भारत के सभी राष्ट्रपति की सूची (1950 से 2025 तक) विषयसूची परिचय राष्ट्रपतियों की पूरी सूची कुछ महत्वपूर्ण तथ्य अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) परिचय भारत गणराज्य के राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख होते हैं। यह पद भारत के सर्वोच्च नागरिक पद में से एक है। 1950 में संविधान लागू होने के बाद डॉ. राजेन्द्र प्रसाद पहले राष्ट्रपति बने। आइए जानते हैं अब तक के सभी राष्ट्रपतियों के नाम, कार्यकाल और संबंधित जानकारियाँ। भारत के सभी राष्ट्रपतियों की सूची क्रम नाम कार्यकाल टिप्पणी 1 डॉ. राजेन्द्र प्रसाद 1950–1962 भारत के पहले राष्ट्रपति 2 डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन 1962–1967 शिक्षाविद और दार्शनिक 3 डॉ. जाकिर हुसैन 1967–1969 पहले मुस्लिम राष्ट्रपति 4 वी. वी. गिरी 1969–1974 कार्यवाहक से नियमित राष्ट्रपति बने 5 फखरुद्दीन अली अहमद 1974–1977 आपातकाल के दौरान राष्ट्रपति 6 नीलम संजीव रेड्डी 1977–1982 निर्विरोध चुने गए राष्ट्रपति 7 ज्ञानी जैल सिंह 1982–1987 पहले सिख राष्ट्रपति 8...

संविधान (8वां संशोधन) 1960। 8th Constitution Amendment

संविधान (8वां संशोधन) 1960 – भाषा नीति में बड़ा बदलाव विषयसूची 8वां संविधान संशोधन क्या है? इस संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी? यह संशोधन कब और कैसे हुआ? संशोधन से पहले और बाद में क्या बदलाव हुए? मुख्य लोगों की राय क्या थी? क्या कोई सुप्रीम कोर्ट का मामला जुड़ा था? FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न 8वां संविधान संशोधन क्या है? भारतीय संविधान का आठवां संशोधन (8th Constitutional Amendment) वर्ष 1960 में किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य अनुसूचित भाषाओं की सूची में बदलाव करना और राजभाषा नीति से संबंधित कुछ स्पष्टता लाना था। इस संशोधन के तहत सिंधी भाषा को शामिल नहीं किया गया था, बल्कि यह संशोधन मुख्यतः संविधान की अनुसूची 8 (Schedule 8) में सूचीबद्ध भाषाओं से संबंधित था। इस संशोधन की जरूरत क्यों पड़ी? देश में विभिन्न भाषाई समुदायों द्वारा अपनी भाषा को संवैधानिक मान्यता दिलाने की माँग की जा रही थी। भाषाई पहचान, सांस्कृतिक संरक्षण, और सरकारी नौकरियों तथा शिक्षा में भाषा के प्रयोग को लेकर आंदोलन बढ़ रहे थे। सरकार को यह महसूस हुआ कि संव...

भारत का संविधान किसने लिखा? | Who Wrote the Indian Constitution

भारतीय संविधान किसने लिखा? उन्हें यह काम करने के लिए कैसे चुना गया? भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसे बहुत सोच-विचार और बहस के बाद तैयार किया गया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय संविधान किसने लिखा ? और उन्हें यह जिम्मेदारी कैसे दी गई? इस पोस्ट में हम इन सभी सवालों के जवाब आपको सरल हिंदी में देंगे। 📜 Table of Contents भारतीय संविधान किसने लिखा? डॉ. भीमराव अंबेडकर को यह कार्य कैसे मिला? संविधान निर्माण की प्रक्रिया क्या थी? संविधान सभा में कितने सदस्य थे? संविधान लिखने में कितना समय लगा? संविधान की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं? प्रश्न 1: भारतीय संविधान किसने लिखा? भारतीय संविधान को डॉ. भीमराव अंबेडकर ने लिखा था। वे संविधान सभा की मसौदा समिति (Drafting Committee) के अध्यक्ष थे। हालांकि, संविधान एक व्यक्ति का काम नहीं था, यह अनेक नेताओं, विशेषज्ञों और विचारकों की सामूहिक मेहनत का परिणाम था। लेकिन डॉ. अंबेडकर को “ भारतीय संविधान के शिल्पकार ” या “ Father of Indian Constitution ” कहा जाता है। प्रश्न 2: डॉ. अंबेडकर को यह कार्य क...

भारतीय संविधान का 7वां संशोधन | 7th Amendment of Indian Constitution

भारतीय संविधान का 7वां संशोधन (1956): एक ऐतिहासिक बदलाव संविधान का 7वां संशोधन भारतीय इतिहास का एक अहम मोड़ था, जिसने केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का संतुलन बदल दिया। इस पोस्ट में हम विस्तार से जानेंगे कि यह संशोधन क्यों हुआ, इसके पहले और बाद में क्या अंतर आया, सुप्रीम कोर्ट की क्या भूमिका रही और प्रमुख नेताओं की क्या राय थी। 📚 विषय सूची (Table of Contents) 7वें संविधान संशोधन में क्या था? संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी? संशोधन कब और कैसे किया गया? संशोधन से पहले और बाद में क्या बदलाव हुए? नेताओं और विशेषज्ञों के विचार सुप्रीम कोर्ट से जुड़े प्रमुख वाद FAQs 7वें संविधान संशोधन में क्या था? भारतीय संविधान का 7वां संशोधन 1956 में पारित हुआ था। इसका मुख्य उद्देश्य था राज्यों की पुनर्संरचना करना। यह States Reorganisation Act, 1956 के साथ जुड़ा हुआ था, जिससे भारत को भाषाई आधार पर नए राज्यों में बांटा गया। संविधान में Part 1 और Schedule 1 को संशोधित कर केंद्र और राज्यों के अधिकार क्षेत्रों में पुनः परिभाषा की गई। इस संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़...

अगस्त प्रस्ताव 1940 | August Proposal Explained in Hindi

अगस्त प्रस्ताव क्या है? पूरा विश्लेषण हिंदी में अनुक्रमणिका (Table of Contents) अगस्त प्रस्ताव क्या था? पृष्ठभूमि मुख्य बिंदु कांग्रेस की प्रतिक्रिया अगस्त प्रस्ताव का प्रभाव सामान्य प्रश्न (FAQs) अगस्त प्रस्ताव क्या था? अगस्त प्रस्ताव (August Offer) ब्रिटिश सरकार द्वारा 8 अगस्त 1940 को भारतीय नेताओं को दिया गया एक महत्वपूर्ण राजनीतिक प्रस्ताव था। इसका उद्देश्य द्वितीय विश्व युद्ध के समय भारतवासियों का समर्थन प्राप्त करना था। यह प्रस्ताव वायसराय लॉर्ड लिनलिथगो द्वारा पेश किया गया था। पृष्ठभूमि 1939 में जब द्वितीय विश्व युद्ध शुरू हुआ, तो ब्रिटिश सरकार ने बिना भारतीय नेताओं की सहमति के भारत को युद्ध में शामिल कर लिया। इससे भारतीय नेताओं, विशेषकर कांग्रेस पार्टी में भारी असंतोष फैल गया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने ब्रिटिश सरकार से स्पष्ट रूपरेखा की मांग की कि स्वतंत्रता कब और कैसे दी जाएगी। इसी संदर्भ में अगस्त प्रस्ताव सामने आया। मुख्य बिंदु एक नए भारतीय संविधान के निर्माण के लिए बाद में एक संविधान सभा बनाई जाएगी। किसी भी भविष...

भारतीय संविधान का 6वां संशोधन

भारतीय संविधान का 6वां संशोधन: उद्देश्य, प्रभाव और न्यायालय का दृष्टिकोण अनुक्रमणिका 6वें संशोधन का परिचय संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी? 6वें संशोधन में क्या बदलाव किया गया? संशोधन के बाद क्या बदला? सुप्रीम कोर्ट से संबंधित वाद या निर्णय निष्कर्ष FAQ: सामान्य प्रश्न 6वें संशोधन का परिचय भारतीय संविधान का 6वां संशोधन वर्ष 1956 में संसद द्वारा पारित किया गया था। यह एक महत्वपूर्ण कर-संबंधी संशोधन था, जिसका मुख्य उद्देश्य केंद्र और राज्यों के बीच कराधान अधिकारों की स्पष्टता सुनिश्चित करना था। संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी? संविधान में कर व्यवस्था को लेकर कुछ असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो रही थी, विशेष रूप से अंतर-राज्यीय व्यापार और वाणिज्य पर कर लगाने के अधिकार को लेकर। कुछ राज्य सरकारें यह दावा कर रही थीं कि उन्हें अंतर-राज्यीय वस्त्रों पर कर लगाने का अधिकार है, जबकि केंद्र सरकार इसे संविधान के खिलाफ मान रही थी। इस असमंजस से कर नीति में अस्थिरता आई और व्यापारियों तथा उद्योगों के लिए कठिनाइयाँ उत्पन्न हुईं। इसी संदर्भ में संविधान के अनुच्छेद 269 और 286 ...

भारत के सभी गवर्नर जनरल्स की सूची | Governor Generals of India

भारत के सभी गवर्नर जनरल्स की सूची (1773 - 1950) Table of Contents गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल (1773–1833) गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया (1833–1858) वायसराय और गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया (1858–1947) स्वतंत्र भारत के गवर्नर जनरल (1947–1950) FAQs 🏛️ गवर्नर जनरल ऑफ बंगाल (1773–1833) वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) – 1773–1785 सर जॉन मैक्फर्सन (कार्यवाहक) – 1785–1786 लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Cornwallis) – 1786–1793 सर जॉन शोर (Sir John Shore) – 1793–1798 लॉर्ड वेलेजली (Lord Wellesley) – 1798–1805 सर जॉर्ज बार्लो (कार्यवाहक) – 1805–1807 लॉर्ड मिंटो I (Lord Minto I) – 1807–1813 लॉर्ड हेस्टिंग्स (Lord Hastings) – 1813–1823 लॉर्ड अमहर्स्ट (Lord Amherst) – 1823–1828 लॉर्ड विलियम बेंटिक (Lord William Bentinck) – 1828–1835 🏛️ गवर्नर जनरल ऑफ इंडिया (1833–1858) लॉर्ड विलियम बेंटिक – 1833–1835 सर चार्ल्स मेटकाफ (कार्यवाहक) – 1835–1836 लॉर्ड ऑकलैंड – 1836–1842 लॉर्ड एलेनबरो – 1842–1844 लॉर्ड हार्डिंग – 1844–1848 लॉर्ड डलहौजी...

भारतीय संविधान में भाषाएं: आठवीं अनुसूची

  भारतीय संविधान में मान्यता प्राप्त भाषाएँ – पूरी जानकारी 📌 प्रस्तावना भारत एक बहुभाषी राष्ट्र है, जहाँ अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं। भारतीय संविधान ने इस भाषाई विविधता को स्वीकार करते हुए आठवीं अनुसूची में अनेक भाषाओं को मान्यता दी है। इस लेख में हम जानेंगे कि संविधान में कितनी भाषाएँ शामिल हैं, कौन-कौन सी भाषाएँ हैं, कब जोड़ी गईं, इनके महत्व क्या हैं और ये संविधान में किस संदर्भ में वर्णित हैं। 🗣️ भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची क्या है? भारतीय संविधान की आठवीं अनुसूची (8th Schedule) उन भाषाओं की सूची है जिन्हें भारत सरकार द्वारा आधिकारिक मान्यता प्राप्त है। शुरुआत में इस अनुसूची में केवल 14 भाषाएं शामिल थीं, लेकिन बाद के संशोधनों में इनकी संख्या बढ़ाकर अब 22 भाषाएं कर दी गई हैं। 📜 आठवीं अनुसूची की भाषाओं की सूची क्रम भाषा का नाम 1 असमिया (Assamese) 2 बंगाली (Bengali) 3 गुजराती (Gujarati) 4 हिंदी (Hindi) 5 कन्नड़ (Kannada) 6 कश्मीरी (Kashmiri) 7 कोंकणी (Konkani) 8 मलयालम (Malayalam) 9 मणिपुरी (Manipuri) 10 मराठी (Marathi) 11 नेपाली (Nepali) 12 ...

नेहरू रिपोर्ट क्या थी? Nehru Report 1928

नेहरू रिपोर्ट – इतिहास, सिफारिशें और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन पर प्रभाव अनुक्रमणिका प्रस्तावना नेहरू रिपोर्ट क्या थी? नेहरू रिपोर्ट क्यों बनाई गई? रिपोर्ट किसने और कब बनाई? मुख्य सिफारिशें नेहरू रिपोर्ट पर प्रतिक्रियाएं नेहरू रिपोर्ट का प्रभाव प्रमुख व्यक्तियों के विचार अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) निष्कर्ष 📌 प्रस्तावना नेहरू रिपोर्ट भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान तैयार किया गया एक ऐतिहासिक दस्तावेज़ है, जो भारत के लिए एक स्वशासी संविधान का प्रारूप प्रस्तुत करता है। यह रिपोर्ट ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई चुनौती के उत्तर में तैयार की गई थी... 📝 नेहरू रिपोर्ट क्या थी? नेहरू रिपोर्ट 1928 में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट थी, जो भारत के लिए डोमिनियन स्टेटस के तहत एक संविधान का प्रारूप पेश करती थी... ❓ नेहरू रिपोर्ट क्यों बनाई गई? 1927 में साइमन कमीशन के बहिष्कार के बाद ब्रिटिश सरकार ने भारतीय नेताओं से एक संविधान का प्रारूप प्रस्तुत करने को कहा। यह कार्य कांग्रेस को सौंपा गया औ...

लोकतंत्र और गणतंत्र – परिभाषा, उद्देश्य, अंतर

 लोकतंत्र और गणतंत्र – परिभाषा, उद्देश्य, अंतर और भारत के संदर्भ में विस्तृत जानकारी प्रस्तावना: भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है — यह वाक्य आपने कई बार सुना होगा। परंतु क्या आपने कभी सोचा है कि लोकतंत्र (Democracy) और गणतंत्र (Republic) में अंतर क्या है? क्या ये दोनों एक ही चीज़ हैं या इनका उद्देश्य भिन्न है? इस लेख में हम इन दोनों शब्दों को विस्तार से समझेंगे और यह जानेंगे कि भारत में ये कैसे लागू होते हैं। 🗳️ लोकतंत्र क्या है? (What is Democracy in Hindi) लोकतंत्र एक ऐसी शासन प्रणाली है जिसमें सत्ता जनता के हाथों में होती है। यानी, जनता अपने प्रतिनिधियों को चुनती है और वे प्रतिनिधि देश का संचालन करते हैं। 👉 लोकतंत्र की परिभाषा: "जनता के द्वारा, जनता के लिए और जनता की सरकार को लोकतंत्र कहा जाता है।" 👉 लोकतंत्र के प्रमुख उद्देश्य: नागरिकों को मताधिकार देना स्वतंत्र अभिव्यक्ति की आज़ादी समानता और न्याय सुनिश्चित करना पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना 👉 लोकतंत्र के उदाहरण: भारत, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा आदि। 🏛️ गणतंत्र क्या है? (What is Repub...

भारतीय संविधान का 5वां संशोधन (1955)

भारतीय संविधान का 5वां संशोधन (1955) – एक विस्तृत विश्लेषण अनुक्रमणिका परिचय क्या था यह 5वां संविधान संशोधन? यह संशोधन क्यों जरूरी था? सुप्रीम कोर्ट का दृष्टिकोण परिणाम और प्रभाव निष्कर्ष परिचय भारत के संविधान में अब तक 100 से अधिक संशोधन किए जा चुके हैं, जिनमें से कई ने देश की राजनीतिक और प्रशासनिक संरचना को गहराई से प्रभावित किया है। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण बदलाव था – 5वां संविधान संशोधन , जो वर्ष 1955 में पारित हुआ था। यह संशोधन मुख्य रूप से राज्यों की सीमाओं और अनुसूचित जनजातियों से संबंधित था। क्या था यह 5वां संविधान संशोधन? भारतीय संविधान का 5वां संशोधन वर्ष 1955 में पारित किया गया था। यह मुख्य रूप से अनुच्छेद 3 और अनुच्छेद 4 से जुड़ा हुआ था। इस संशोधन का मकसद यह था कि जब देश में किसी राज्य की सीमा बदली जाए , नया राज्य बनाया जाए , या किसी राज्य का नाम बदला जाए , तो उसके साथ-साथ उस राज्य में रहने वाली अनुसूचित जनजातियों या अनुसूचित क्षेत्रों की सूचियों में भी तुरंत बदलाव किया जा सके। ✅ इसे एक उदाहरण से समझिए: मान लीजिए कि सरकार ने एक नया राज...

भारतीय संविधान का चौथा संशोधन (1955)

भारतीय संविधान का चौथा संशोधन (1955) – कारण, प्रभाव और संपूर्ण विवरण - Fourth Amendment of the Indian Constitution (1955) – Reasons, Effects and Complete Details 📑 विषय सूची (Table of Contents) 🔷 प्रस्तावना 🔸 संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी? 🔄 संशोधन से पहले और बाद में क्या बदला? 📌 प्रमुख बिंदु 🧩 विवाद और विभिन्न मत ⚖️ सुप्रीम कोर्ट का रुख 📊 संशोधन का प्रभाव ❓ अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) 📝 निष्कर्ष 🔷 प्रस्तावना भारत के संविधान में समय-समय पर बदलाव होते रहे हैं ताकि बदलते सामाजिक और आर्थिक परिवेश के अनुसार नीतियाँ और अधिकार प्रभावी बनाए जा सकें। चौथा संविधान संशोधन , जिसे संविधान (चौथा संशोधन) अधिनियम, 1955 कहा गया, एक ऐसा ही कदम था। यह संशोधन मुख्यतः संपत्ति अधिकारों और भूमि सुधारों से संबंधित था। 🔸 संशोधन की आवश्यकता क्यों पड़ी? 1950 के दशक में सरकार द्वारा भूमि सुधार कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा था ताकि जमींदारी प्रथा समाप्त की जा सके और गरीब किसानों को भूमि का अधिकार मिल सके। लेकिन इन सुधारों को अनुच्छेद 31 (संपत्ति का अधिका...

भारतीय संविधान में भाग

भारतीय संविधान में कितने भाग हैं – संपूर्ण विवरण भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था। इसमें भारत की शासन व्यवस्था, नागरिक अधिकारों, कर्तव्यों और संघीय ढांचे का पूर्ण विवरण है। इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय संविधान में कुल कितने भाग हैं , उनके नाम क्या हैं, और हर भाग किस विषय से संबंधित है। नोट: भारतीय संविधान में वर्तमान में कुल 25 भाग (Parts) हैं। हालांकि प्रारंभ में भाग VII (Part VII) मौजूद था, जो 'Part B' राज्यों से संबंधित था, लेकिन 1956 में 7वें संविधान संशोधन द्वारा इसे । इसके बावजूद, संविधान की मूल क्रम संख्या (I से XXII) को बदला नहीं गया, ताकि दस्तावेज़ की संरचना बनी रहे। बाद में, Part IXA, IXB, और XIVA जैसे अतिरिक्त भाग जोड़े गए, जिससे कुल भागों की संख्या 25 हो गई। अनुक्रमणिका (Table of Contents) भारतीय संविधान में कुल कितने भाग हैं? संविधान के सभी भागों का विस्तृत विश्लेषण संविधान के भागों का महत्व FAQ - सामान्य प्रश्न भारतीय संविधान में कुल कितने भाग हैं? मूल संविधान में 22 ...

भारतीय संविधान की सभी 12 अनुसूचियाँ

  भारतीय संविधान की सभी अनुसूचियाँ – विस्तृत जानकारी और विश्लेषण  प्रस्तावना भारतीय संविधान में मूल रूप से 8 अनुसूचियाँ (Schedules) थीं, लेकिन विभिन्न संविधान संशोधनों के माध्यम से अब इनकी संख्या बढ़कर 12 हो गई है। हर अनुसूची भारतीय शासन व्यवस्था के किसी महत्वपूर्ण विषय से जुड़ी है। इस लेख में हम जानेंगे कि भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियाँ कौन-कौन सी हैं , उनमें क्या विषय शामिल हैं, और उनका उपयोग किस प्रकार किया जाता है।  अनुसूचियाँ क्या होती हैं? अनुसूचियाँ (Schedules) संविधान में संलग्न सारणियाँ होती हैं, जिनमें विशेष जानकारी, आंकड़े या व्यवस्थाएँ दी गई होती हैं जिन्हें मुख्य अनुच्छेदों से अलग करके क्रमबद्ध रूप में प्रस्तुत किया गया है। इससे संविधान को पढ़ना और समझना आसान होता है।  भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियाँ – पूरी जानकारी ✅ अनुसूची 1 – राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची भारत के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के नाम और उनके क्षेत्र किसी राज्य के नाम या सीमाओं में परिवर्तन के लिए भी यही अनुसूची उपयोग होती है। ➡️ उदाहरण : आंध्र प्रद...